दर्रा
किसी पर्वत अथवा पहाड़ी में स्थित अनुप्रस्थ संकरी द्रोणी व निचला भाग जिससे होकर स्थल मार्ग गुजरता है 'दर्रा' (Pass) कहलाता है।
यह पर्वत के द्रोणी (Basin) से होकर गुजरता है। पहाड़ियों एवं पर्वतीय क्षेत्रों में पाए जाने वाले आवागमन के प्राकृतिक मार्गों को दर्रा (Passes) कहा जाता है।
भारत में प्रमुख दर्रे
- काराकोरम दर्रा
- जोजिला दर्रा
- बुर्जिल दर्रा
- पीर पंजाल दर्रा
- बनिहाल दर्रा
- शिपकी ला दर्रा
- रोहतांग दर्रा
- बड़ालाचा दर्रा
- माना दर्रा
- नीति दर्रा
- नाथुला दर्रा
- जेलेप्ला दर्रा
- बोमडिला दर्रा
- यांग्याप दर्रा
- दिफू दर्रा
- पांग साउ दर्रा
- तुजु दर्रा
- थाल घाट दर्रा
- भोर घाट दर्रा
- पाल घाट दर्रा
- चांग ला दर्रा
- लिपुलेख दर्रा
- असीरगढ़ का किला दर्रा
- सेनकोट्टा दर्रा
- थांग ला दर्रा
- डोंकिया दर्रा
- शिपकीला दर्रा
- देब्सा दर्रा
- लुंगलाचा ला दर्रा
भारत में प्रमुख दर्रे Bharat Ke Pramukh Darre
काराकोरम दर्रा
यह दर्रा जम्मू-कश्मीर राज्य के लद्दाख क्षेत्र में काराकोरम पहाड़ियों के मध्य स्थित है। इस दर्रे से होकर यारकन्द एवं तारिम बेसिन का मार्ग गुजरता है।
यह भारत का सबसे ऊँचा दर्रा है। यह 5664 मी. की ऊँचाई पर स्थित है।
जोजिला दर्रा
यह दर्रा जम्मू-कश्मीर में समुद्रतल से लगभग 3,528 मी. की ऊँचाई पर स्थित है, जो श्रीनगर को कारगिल और लेह से जोड़ता है। NH-1D पर स्थित यह दर्रा शीतकाल में अत्यधिक बर्फबारी के कारण बन्द रहता है। वर्ष भर सुगम यातायात सुनिश्चित करने के लिए मई, 2018 में 14.2 किमी. लम्बी जोजिला सुरंग का निर्माण कार्य प्रारम्भ किया गया है। पूर्ण होने के बाद यह एशिया की दूसरी सबसे लम्बी द्वि-दिशीय (Bidirectional) सुरंग होगी।
बुर्जिल दर्रा
समुद्र तल से 5,000 मी. से भी अधिक ऊँचाई पर स्थित यह दरो कश्मीर घाटी को लद्दाख के देवसाई मैदानों से जोड़ता है। बर्फ से ढक जाने के कारण यह शीत ऋतु में व्यापार तथा परिवहन के लिए बंद रहता है।
पीर पंजाल दर्रा
यह दर्रा जम्मू-कश्मीर राज्य के दक्षिण-पश्चिम में स्थित है। जम्मू को श्रीनगर से जोड़ने वाला यह पारंपरिक दर्रा मुगल रोड पर स्थित है। उप-प्रायद्वीप के विभाजन के बाद इस दरे को बंद कर दिया गया है।
बनिहाल दर्रा
जम्मू-कश्मीर राज्य के दक्षिण-पश्चिम में पीर-पंजाल श्रेणी में स्थित इस दर्रे से जम्मू से श्रीनगर जाने का मार्ग गुजरता है। समुद्र तल से 2,835मी. की ऊँचाई पर पीरपंजाल श्रेणी में स्थित यह दर्रा जम्मू को श्रीनगर से जोड़ता है। शीत ऋतु में यह बर्फ से ढका रहता है।
शिपकी ला दर्रा
समुद्र-तल से 4300 मी. से भी अधिक ऊँचाई पर स्थित यह दर्रा, सतलज महाखड्ड से होकर हिमाचल प्रदेश को तिब्बत से जोड़ता है। तिब्बत से आने वाली सतलज नदी इसी दर्रे से भारत में प्रवेश करती है।
रोहतांग दर्रा
हिमाचल प्रदेश की पीरपंजाल श्रेणी में स्थित इस दर्रे की ऊँचाई 3,979 मी. है। यह मनाली को लेह सड़क मार्ग से जोड़ता है। इसे हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्पीति जिले का प्रवेश द्वार कहा जाता है।
बड़ालाचा दर्रा
समुद्र तल से 4,890 मी. की ऊँचाई पर जम्मू एवं कश्मीर राज्य में स्थित दर्रा मनाली को लेह से जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित है। शीत ऋतु में (नवंबर से मध्य मई तक) यह बर्फ से ढके होने के कारण आवागमन के लिए बंद रहता है।
माना दर्रा
महान हिमालय की कुमायूँ पहाड़ियों (उत्तराखण्ड) में समुद्र तल से लगभग 5,611 मी. की ऊँचाई पर स्थित यह दर्रा उत्तराखण्ड को तिब्बत से जोड़ता है। शीतकाल में यह लगभग 6 महीने बर्फ से ढका रहता है।
नीति दर्रा
5,389 मी. ऊँचा यह दर्रा उत्तराखण्ड के कुमायूँ में स्थित है। यह दर्रा उत्तराखण्ड को तिब्बत से जोड़ता है। शीत काल में यह बर्फ से ढके होने के कारण मध्य-नवंबर से मध्य-मई तक आवागमन के लिए बंद रहता है।
नाथुला दर्रा
भारत-चीन युद्ध (1962) में सामरिक महत्व के कारण चर्चित यह दर्रा सिक्किम राज्य की डोगेक्या श्रेणी में स्थित है। समुद्र-तल से लगभग 4,310 मी. की ऊँचाई पर स्थित यह दर्रा प्राचीन रेशम मार्ग की एक शाखा है। भारत और चीन की सीमा से होने वाले तीन व्यापारिक मार्गों में से एक नाथुला दर्रा भी है।
जेलेप्ला दर्रा
यह सिक्किम में स्थित है, जो दार्जिलिंग व चुंबी घाटी से होकर तिब्बत जाने का मार्ग है। समद्र तल से लगभग 4,538 मी. ऊँचाई पर स्थित यह दर्रा सिक्किम को ल्हासा से जोड़ता है। यह चुंबी घाटी से होकर गुजरता है।
बोमडिला दर्रा
यह अरूणाचल प्रदेश के उत्तर-पश्चिम भाग में स्थित है, इससे तवांग घाटी से होकर तिब्बत जाने का मार्ग गुजरता है। यह अरुणाचल प्रदेश को तिब्बत की राजधानी ल्हासा से जोड़ता है।
यांग्याप दर्रा
यह अरूणाचल प्रदेश के उत्तर-पूर्व में स्थित है। इसी दर्रे के पास से ब्रह्मपुत्र नदी भारत में प्रवेश करती है। यहाँ से चीन के लिए भी मार्ग जाता है।
दिफू दर्रा
यह अरूणाचल प्रदेश के पूर्व में म्यांमार सीमा पर स्थित है। यह भारत और म्यांमार के बीच का एक परम्परागत दर्रा है, जो व्यापार एवं परिवहन के लिए पूरे वर्ष खुला रहता है।
पांग साउ दर्रा
समुद्र-तल से 4,000 मी. से भी अधिक ऊँचाई पर स्थित यह दर्रा अरूणाचल प्रदेश को मांडले (म्यांमार) से जोड़ता है।
तुजु दर्रा
यह मणिपुर राज्य के दक्षिण-पूर्व में स्थित है। इस दर्रे से इम्फाल से लापू व म्यांमार जाने का मार्ग गुजरता है।
थाल घाट दर्रा
583 मी. ऊँचा यह दर्रा महाराष्ट्र में पश्चिमी घाट की श्रेणियों में स्थित है। यहाँ से दिल्ली-मुम्बई के प्रमुख सड़क व रेल मार्ग गुजरते हैं।
भोर घाट दर्रा
यह महाराष्ट्र राज्य के पश्चिमी घाट श्रेणी में स्थित है। पुणे-बेलगाँव रेलमार्ग व सड़क मार्ग इसी दर्रे से गुजरते हैं।
पाल घाट दर्रा
यह केरल के मध्य-पूर्व में नीलगिरि एवं अन्नामलाई पहाड़ी के मध्य स्थित है, जिसकी ऊँचाई 305 मीटर है। कालीकट-त्रिचूर से कोयम्बटूर-इरोड के रेल व सड़क मार्ग इसी दर्रे से गुजरते हैं।
चांग ला दर्रा
समुद्र तल से 5270 मी. से भी अधिक ऊँचाई पर स्थित महान हिमालय का यह दर्रा लद्दाख को तिब्बत से जोड़ता है।
लिपुलेख दर्रा
यह दर्रा भारत चीन सीमा पर उत्तराखण्ड राज्य के पिथौरागढ़ जिले में स्थित है। यह भारत व चीन के बीच पहला सीमा व्यापार प्वाइंट है। इस दर्रे का उपयोग कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए किया जाता है। यह भारत और चीन के मध्य होने वाले व्यापार में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
असीरगढ़ का किला दर्रा
मध्य प्रदेश में सतपुड़ा पर्वतमाला में स्थित है। यह उत्तर भारत को दक्कन पठार से जोड़ता है। इसे दक्कानी दरवाजा या डोर वे की संज्ञा की जाती है।
सेनकोट्टा दर्रा
यह केरल राज्य में इलायची पहाड़ी पर स्थित है, जो तमिलनाडु को केरल से जोड़ता है।
थांग ला दर्रा
यह दर्रा उत्तराखण्ड राज्य में कुमायूँ श्रेणी में स्थित है।
डोंकिया दर्रा
सिक्किम राज्य में स्थित इस दर्रे के पास भारत की सर्वोच्च अवस्थिति वाली झील चोलाम् स्थित है।
शिपकीला दर्रा
यह हिमाचल प्रदेश के जास्कर श्रेणी में स्थित है। यह शिमला को तिब्बत से जोड़ता है। सतलज नदी इसी दरें के सहारे भारत में प्रवेश करती है। यह भारत-चीन के मध्य व्यापारिक मार्ग है।
देब्सा दर्रा
यह दर्रा हिमाचल प्रदेश राज्य में स्थित है। यह कुल्लू को स्पीति से जोड़ता है।
लुंगलाचा ला दर्रा
यह दर्रा लेह (जम्मू एवं कश्मीर) को मनाली (हिमाचल प्रदेश) से जोड़ता है।
भारत के प्रमुख दर्रे मैप में
भारत के प्रमुख दर्रों के नाम और उनके राज्य
दर्रे | राज्य | ऊँचाई |
---|---|---|
काराकोरम दर्रा | जम्मू-कश्मीर | 5664 मी. |
जोजिला दर्रा | जम्मू-कश्मीर | 3,528 मी. |
बुर्जिल दर्रा | जम्मू-कश्मीर | 5,000 मी. |
पीर पंजाल दर्रा | जम्मू-कश्मीर | 3,490 मी. |
बनिहाल दर्रा | जम्मू-कश्मीर | 2,835 मी. |
शिपकी ला दर्रा | हिमाचल प्रदेश | 3,930 मी. |
रोहतांग दर्रा | हिमाचल प्रदेश | 3,979 मी. |
बड़ालाचा दर्रा | जम्मू-कश्मीर | 4,890 मी. |
माना दर्रा | हिमालय | 5,611 मी. |
नीति दर्रा | उत्तराखण्ड | 5,389 मी. |
नाथुला दर्रा | सिक्किम | 4,310 मी. |
जेलेप्ला दर्रा | सिक्किम | 4,538 मी. |
बोमडिला दर्रा | अरूणाचल प्रदेश | 4331 मी. |
यांग्याप दर्रा | अरूणाचल प्रदेश | |
दिफू दर्रा | अरूणाचल प्रदेश | 4,587 मी. |
पांग साउ दर्रा | अरूणाचल प्रदेश | 4,000 मी. |
तुजु दर्रा | मणिपुर राज्य | |
थाल घाट दर्रा | महाराष्ट्र | 583 मी. |
भोर घाट दर्रा | महाराष्ट्र | 622 मी. |
पाल घाट दर्रा | केरल | 305 मी. |
चांग ला दर्रा | लद्दाख | 5270 मी. |
लिपुलेख दर्रा | उत्तराखण्ड | 5,200 मी. |
असीरगढ़ का किला दर्रा | मध्य प्रदेश | |
सेनकोट्टा दर्रा | केरल | 210 मी. |
थांग ला दर्रा | उत्तराखण्ड | 5,360 मी. |
डोंकिया दर्रा | सिक्किम | 5,486 मी. |
शिपकीला दर्रा | हिमाचल प्रदेश | 3,930 मी. |
देब्सा दर्रा | हिमाचल प्रदेश | 5,360 मी. |
लुंगलाचा ला दर्रा | लद्दाख़ | 5,059 मी. |
FAQ :
भारत का सबसे ऊंचा दर्रा कौनसा है?
भारत का सबसे ऊंचा दर्रा काराकोरम दर्रा है?
काराकोरम दर्रा कहाँ स्थित है?
यह दर्रा जम्मू-कश्मीर राज्य के लद्दाख क्षेत्र में काराकोरम पहाड़ियों के मध्य स्थित है।
शिपकी-ला दर्रा किस राज्य में स्थित है?
हिमाचल प्रदेश
नाथुला दर्रा किस राज्य में स्थित है?
सिक्किम राज्य